परमेश्वर का वचन
Ashish Raichurहमारे मसीही जीवन में एक बहुत महत्त्वपूर्ण तत्त्व है, एक इतना महत्त्वपूर्ण जो हमारे मसीही जीवन के अनुभव की गुणवत्ता को निश्चित करता है। वह परमेश्वर का वचन है। चाहे हम विजय में चलें अथवा न चलें और आशीष के परिणाम जिन्हें हम अनुभव करते हैं, परमेश्वर के वचन के द्वारा प्रभावित होते हैं जिसे हम स्वीकार करने के योग्य और लगातार अपने प्रतिदिन के जीवन में लागू करते हैं।
यह सत्य है कि आरम्भ में वचन जीवन रहित प्रतीत हो सकता बल्कि यहाँ सरसरी तौर से पढ़ने वाले को बोरिंग लग सकता है। परन्तु उन लोगों के लिए जो इसकी विरासत की सामर्थ्य और उस स्थान को जो परमेश्वर ने स्वयं अपने वचन को अपने लोगों के जीवन में स्थापित होने के लिए दिया है, उनके लिए वचन जीवित है। उन्होंने अपने सम्पूर्ण वर्तमान और भविष्य को इस बात पर निर्भर कर दिया है जो परमेश्वर का वचन कहता है। जीवन के तूफानों के मध्य वे जानते हैं कि वचन उनको जीवित रखेगा और उन्हें थामे रहेगा। बीमारी के मध्य वे जानते हैं कि वचन चंगाई और छुटकारा लाएगा, चुनौतियों और दवाबों के मध्य वह विश्वास के साथ खड़े होते हैं उस बात पर जो वचन प्रतिज्ञा और एक दृढ़ एवं अटल समर्पण उत्पन्न किया है।
हमारे हृदय की इच्छा यह है कि आप में से प्रत्येक, जिन तक हम इन लिखे हुए पृष्ठों के द्वारा पहुँच सकते हैं, ऐसे स्थान तक प्रभु के साथ लाए जाएं।